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By Shahina, Delhi-53
हज़रत अली (रज़ि)
हज़रत अली इब्ने अबु तालिब का जन्म 17 मार्च 600 (13 रजब 24 हिजरी पूर्व) सऊदी अरब, मक्का शहर से काबा के अन्दर हुआ था।
उनके वालिद का नाम अबु तालिब और वालिदैन का नाम फातिमा बिंत असद था।
वे पैगम्बर मुहम्मद(स.) के चचाजाद भाई और दामाद थे और उनका नाम हज़रत अली है।
हज़रत अली की बीवी का नाम हज़रत फातिमा जहरा(रज़ि) और बेटो का नाम हज़रत इमाम हुसैन(रज़ि) और हज़रत इमाम हसन(रज़ि)
हजरत अली को पहला मुस्लिम वैज्ञानिक भी माना जाता है, क्योंकि वह आम लोगों पर विज्ञान से जुड़ी जानकारियों को बहुत ही रोचक ढंग से पहुंचाया करते थे।
वे मुसलमानों के खलीफा के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 656 से 661 तक राशिदून ख़िलाफ़त के चौथे ख़लीफ़ा के रूप में शासन किया, और शिया इस्लामके अनुसार वे632 से 661 तक पहले इमाम थे।
वह खाने में ज्यादातर जौ की रोटी, नमक या फिर दूध पीते थे।
हज़रत अली सन् 40 हिजरी के रमज़ान मास की 19वी तारीख को जब सुबह की नमाज़ पढ़ने के लिए गये तो सजदा करते समय अब्दुर्रहमान पुत्र मुलजिम ने आपके ऊपर ज़हर पिलाई तलवार से हमला किया जिससे आप का सर बहुत अधिक घायल हो गया इसी वजह से उनकी सहादत हुई ।
हज़रत अली के अनमोल वचन जो दुनिया में विश्वास रखता है पढ़े ऐसे शानदार विचार
1-हमेशा उस इंसान के करीब रहो जो तुम्हे खुश रखे लेकिन उस इंसान के और भी करीब रहो जो तुम्हारे बगैर खुश ना रह पाए..।
2-कम खाने में सेहत है, कम बोलने में समझदारी है और कम सोना इबादत है।
3-लोगों को उसी तरह माफ़ करो, जैसे तुम खुदा से उम्मीद रखते हो कि वह तुम्हें माफ करेगा।
4-अगर कोई तुमको सिर्फ अपनी ज़रूरत के वक़्त याद करता हो, तो नाराज़ मत होना। बल्कि इस बात का फ़ख्र करना कि उसको अँधेरे में रौशनी की ज़रूरत है, और वह रौशनी तुम हो।
5- अक़्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपने आप को बड़ा समझकर ज़िल्लत उठाता है।
6-अपने जिस्म को ज़रूरत से ज़्यादा न सवारों,क्योंकि इसे तो मिट्टी में मिल जाना है।सवॉरना है तो अपनी रूह को सवॉरों क्योंकि इसे तुम्हारे रब के पास जाना है।
7-नमाज़ की फ़िक्र अपने ऊपर फ़र्ज़ करलो।खुदा की कसम दुनिया की फ़िक्र से आज़ाद हो जाओगे,और क़ामयाबी तुम्हारे क़दम चूमेगी।
8-जाहिल के सामने अक़्ल की बात मत करो पहले वो बहस करेगा फिर अपनी हार देखकर दुश्मन हो जायेगा।
9-तुम जो एक गाली मज़ाक और गुस्से में देते है उससे तुम्हारी कब्र में एक उससे बनता है...
10-अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है। "तुम दुनिया के सबसे ताक़तवर इंसान हो"।
11-दोस्तों के ग़म में शामिल हुवा करो हर हाल में लेकिन खुशियों में तब तक न जाना जब तक वो खुद ना बुलाये।
12-गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो।
13-जो इनसान सजदो मे रोता है। उसे तक़दीर पर रोना नहीं पड़ता।
14-ज़िन्दगी के हर मोड़ पर सुलह करना सीखो, क्योंकि झुकता वही है जिसमें जान होती है और अकड़ना तो मुर्दे की पहचान होती है।
15-अपनों को हमेशा अपना होने का एहसास दिलाते रहो, वर्ना वक़्त उन्हें आपके बग़ैर जीना सिखा देगा।
16-ज़िन्दगी में सिर्फ दो तरह के दिन आते हैं, एक जिसमें आप जीतते हैं, और दूसरा वो दिन जब आप नाकामयाब होते हैं। तो जब तुम्हारी जीत हो, तो घमंड मत करो और जब चीज़ें तुम्हारे खिलाफ जाएँ तो सब्र करो। दोनों ही दिन तुम्हारे लिए इम्तेहान हैं।
17-जिसकी अमीरी उसके लिबास में हो वो हमेशा फ़कीर रहेगा और जिसकी अमीरी उसके दिल में हो वो हमेशा सुखी रहेगा।
18- झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है सच बोलकर हार जाओ।
19- जब तुम्हरी मुख़ालफ़त हद से बढ़ने लगे, तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हें कोई मुक़ाम देने वाला है।
20- इल्म की वजह से दोस्तों में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) होता है दौलत की वजह से दुशमनों में इज़ाफ़ा होता है ।
21-राज्य का खजाना और सुविधाएं मेरे और मेरे परिवार के उपभोग के लिए नहीं हैं, मै बस इनका रखवाला हूँ ।
22-जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा, वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा।
23-किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम न हो क्योंकि तुम्हे उसके हर इक आंसू का क़र्ज़ चुकाना होगा।