Green Tea
क्या आप जानते है ग्रीन टी पीने से कितना फायदा होता है ? हरी चाय पीने से हदय रोग और कैंसर जैसे कईं गंभीर रोगों की संभावना कम हो जाती है । शोधों से पता चला है कि हरी चाय में मौजूद पोलिफिनोलस रक्त में ट्राइरिलसराइड के स्तऱ को कम करती है, जिससे हदय स्वस्थ रहता है । इससे कोलेस्ट्रऱल _ भी नियंत्रित रहता है और यह जीवन शक्ति भी बढाती है । हरी चाय फैटौ एसिड से मस्तिष्क और जिगर की भी रक्षा करती है । एक अन्य अनुसंधान के अनुसार, यह चाय न केवल हमारे शरीर को सूर्य की अल्टावॉयलेट किरणों सै बचाती है, । बल्कि हरी चाय त्वचा कैंसर को भी रोकती है । इससे त्वचा निखरती है । हरी चाय में मौजूद एंटी आक्सीडंटै कैंसर रने बचाता है । जापानी भारी मात्रा में हरी चाय का . उत्पादन तथा सेवन करते हैं । यही कारण है कि जापानियों मॅ कैंसर की दर बहुत कम है। चाय के एक कप में 2 00 मिलीग्राम फ्लेवनाइड एंटी आक्सीडेंट मौजूद होता है , जो विटामिन C और E से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावी है । और ग्रीन टी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि ग्रीन हमारे त्वचा निखारती है जिसे त्वचा दिखने में खूबसूरत लगता हैं।
आप इस तरह बना सकते है
हरी चाय तैयार करने के लिए सबसे पहले उबलते पानी में पत्तियों को डाल देना चाहिए । उबलने के दो-तीन मिनट बाद चीनी के बदले एक चम्मच शहद डाल दें । यह चाय सुबह एक कप तथा शाम को एक कप लेने से आपको बहुत फायदा होगा । अगर आप चाहें तो इसमें दूध मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं । चाय व केवल कईं गंभीर बीमारियों से बचाती है, बल्कि यह बुढापे में स्वस्थ भी रखती है । एशियन टाइप हरी चाय बाकी दो तरह की चाय की तुलना में ज्यादा आक्सोडेंटरोधी है । बैसे, एंटी आंक्सीडेंट तत्व फूलों, फलों तथा सब्जियों से भी प्राप्त होते हैं । हमे उन चीजों के बारे में भी जानना चाहिए ।
दुनिया भर मे तो बहुत सारी प्रजाति है यानी 3 हज़ार प्रजातिया है लेकिन आमतौर पर कामेलिया सिनेसिस प्रजाति की चाय ही उपयोग में लायी जाती है । हरी चाय प्राप्त करने के लिए इसे पौधों से सीधे तोड़कर सूखा लिया जाता है । इसके बाद इसे किसी भी प्रक्रिया से नहीं गुजारा जाता है इस चाय में दूसरी 'चाय की तुलना में पॉलीफेनॉल्स तथा बायोफ्लोविनायड्स पाये जाते हैं, जबकि परिरुकृत्त चाय मैं ये तत्व कम हो जाते हैं । कामेलिया सिनेसिस की पत्तियां को जब अर्द्धपरित्कृत्त किया जाता है तो हरी चाय और काली चाय कै बीच के स्तर की आंलौग चाय प्राप्त होती है ।पूर्णत्त॰ परित्कृत चाय से हमे काली चाय प्राप्त होती है जिसे आमतौर पर उपयोग में लाया जाता है । जहां काली चाय में तीन से 10 प्रतिशत तक कैचिस पाया जाता है वही ओलोंग चाय में 8 से 20 प्रतिशत कैचिंस 'की मात्रा पायी जाती' । है । कैंचिस्र ही वह तत्व है जो हृदयरोग से बचाता हैं।